भारत, विकलांग व्यक्ति अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है। यूएनसीआरपीडी का अनुच्छेद 9, सभी हस्ताक्षकर्ता सरकारों को, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी और प्रणाली, और लोगों को अन्य सुविधाएं तथा सेवाएं प्रदान करने सहित, विकलांग व्यक्तियों को अन्य व्यक्तियों की तरह ही समान आधार पर, भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना तथा संचार में समुचित उपाय सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपता है। ये उपाय जिनमें, सुगम्यता हेतु, अवरोधों और बाधाओं की पहचान एवं उन्मूलन शामिल हैं, अन्य बातों के साथ-साथ निम्न पर लागू होंगे-
- स्कूलों, आवासों, चिकित्सा सुविधाओं तथा कार्य स्थलों सहित, भवनों, सड़को, परिवहन और अन्य आंतरिक तथा बाहरी सुविधाएं;
- इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं तथा आकस्मिक सेवाओं सहित, सूचना, संचार तथा अन्य सेवाएं;
- कन्वेंशन द्वारा सभी सरकारों को निम्न समुचित उपाय करने का अधिदेश भी प्रदान किया गया है।
- सार्वजनिक रुप से उपलब्ध सेवाएं को प्रदान करने के लिए सुविधाओं तक पहुंच हेतु, न्यूनतम मानक दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन को विकसित, प्रचारित और मॉनिटर करना;
- निजी संगठन जो सार्वजनिक रुप से सुविधाएं तथा सेवाएं प्रदान कराते हैं, विकलांग व्यक्तियों हेतु सुगम्यता के सभी पहलुओं को सुनिश्चित करवाना;
- विकलांग व्यक्तियों द्वारा, सामना किये जा रहे सुगम्यता मुद्दों पर स्टेकहोल्डर्स को प्रशिक्षण प्रदान करना;
- भवनों में, सार्वजनिक रुप से उपलब्ध अन्य सुविधाएं-ब्रेल में और आसानी से पढ़ने और समझने के रुप में संकेतक उपलब्ध कराना।
- भवनों में सुगम्यता और सार्वजनिक रुप से अन्य सुविधाओं को सुसाधक बनाने के लिए, दिशा निर्देश, रीडर्स तथा पेशेवर संकेत भाषा दुभाषियों सहित, प्रत्यक्ष और मध्यवर्ती सहायता प्रकार उपलब्ध कराना;
- सहायता के अन्य समुचित प्रकारों का संवर्धन और विकलांग व्यक्तियों को सूचना तक पहुंच सुनिश्चित कराने में सहायता प्रदान करना;
- इन्टरनेट सहित, विकलांग व्यक्तियों को नई जानकारी तथा संचार प्रौद्योगिकियों और प्रणाली तक पहुंच का संवर्धन करना;
- सरकार द्वारा रिपब्लिक ऑफ कोरिया सरकार द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय अंतर-सरकारी बैठक में मंत्रालयी उद्घोषणा और एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों हेतु ‘‘अधिकारों को साकार करना’’ हेतु, इंचियोन कार्यनीति को अपनाया गया। इंचियोन कार्यनीति में एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र और विश्व में क्षेत्रीय आधार पर सहमत समावेशी विकास लक्ष्यों का प्रावधान है। कार्यनीति में 10 उद्देश्य, 27 लक्ष्य और 62, संकेतक है, जो यूएनसीआरपीडी को निर्मित करते हैं, निहित हैं। इंचियोन कार्यनीति के उद्देश्य संख्या 3 में यह उल्लिखित है कि भौतिक वातावरण, सार्वजनिक परिवहन, ज्ञान, सूचना और संचार, एक समावेशी समाज में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को पूरा करने के लिए एक पूर्व निर्धारित शर्त है। शहरी, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सुगम्यता सार्वभौमिक डिजाइन पर आधारित होती है जो न केवल विकलांग व्यक्तियों हेतु प्रयोग में, सुरक्षा तथा सुगम्यता को बढ़ाती है बल्कि, समाज के अन्य सदस्यों के लिए भी ऐसा करती है। सुगम्यता प्रशिक्षण, सुगम्यता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है और आयोजना, डिजाइन, निर्माण अनुरक्षण तथा निगरानी और मूल्याकंन, प्रक्रिया के सभी चरणों को इसे कवर करना चाहिए। सहायक उपकरणों तथा संबंधित सहायता सेवाओं तक पहुंच भी विकलांग व्यक्तियों हेतु एक पूर्व निर्धारित शर्त है जो उन्हें दैनिक जीवन में स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीने में सक्षम बनाती है। वे विकलांग व्यक्ति, जो अल्प संसाधन परिवेश में जी रहे हैं, को सहायक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में अनुसंधान, विकास, उत्पादन, संवितरण और अनुरक्षण शामिल हैं।
- विकलांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण तथा पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 44, 45,46 में क्रमशः परिवहन में भेदभाव न किए जाने, सड़कों पर भेदभाव न किए जाने और निर्मित वातावरण में भेदभाव न किए जाने का प्रावधान है।
विकलांग व्यक्ति अधिनियम की धारा 46 के अनुसार, सरकारों द्वारा निम्नलिखित प्रदान किया जाना अपेक्षित है-
- सार्वजनिक भवनों में रैंप्स
- व्हीलचेयर प्रयोगकर्ताओं हेतु टॉयलेटस का अनुकूलन
- ऐलिवेटर्स अथवा लिफ्टस में ब्रेल संकेतक तथा श्रव्य सिंगनल्स
- अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा अन्य चिकित्सा देखभाल तथा पुनर्वास संस्थानों में रैंप्स
- उक्त अधिनियम की धारा 44 तथा 45, सरकारों को, विकलांग व्यक्तियों हेतु सार्वजनिक परिवहन को सुगम्य बनाने के उपाय करने तथा साथ ही, सार्वजनिक सड़कों पर रैड लाईट पर श्रवण संकेतों, फुटपाथों पर कर्व, कट्स तथा स्लोप्स बनाने, जैब्रा क्रॉसिंग की सतह को खुदरा बनाने आदि हेतु प्रावधान करने का दायित्व सौंपती है।
श्री देवेंद्र फड़नवीस के द्वारा मुंबई में सुगम्य भारत रणनीति पत्र का लॉन्च
श्री देवेंद्र फड़नवीस के द्वारा मुंबई में सुगम्य भारत रणनीति पत्र का लॉन्च
सुगम्य भारत अभियान
विकलांगजन सशक्तिरकण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने विकलांग व्यक्तियों हेतु सार्वभौमिक सुगम्यता प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी फ्लैगशिप अभियान सुगम्य भारत अभियान की शुरूआत की है।
आपके संदर्भ और अध्ययन के लिए विस्तृत रणनीति पत्र हिंदी में नीचे प्रदान किया गया है। प्रतिक्रिया या प्रश्नों के लिए कृपया kalyani.aic@gmail.com पर ईमेल करें।